May 2, 2024
Tahajjud Ki Namaz

तहज्जुद की नमाज़ का तरीका | Tahajjud Ki Namaz

Tahajjud Ki Namaz :- फर्ज की नमाज के बाद अगर कोई नमाज अफजल नमाज मानी जाती है तो वह है तहज्जुद् की नमाज। यह इस्लाम धर्म में पढ़ी जाने वाली प्रमुख नमाजो में से एक है।

इस नमाज को पढ़ने से बड़ी से बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती है। इसीलिए आपको यह पता होना चाहिए की तहज्जुद् की नमाज़ क्या है? इसे क्यों पढ़ा जाता है? इसे पढ़ने का सही तरीका क्या है?

आज इस लेख के माध्यम से हम आपको Tahajjud Ki Namaz से संबंधित जानकारी विस्तृत रूप से देने वाले हैं। अतः आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।


KEY POINTS

Tahajjud का हिंदी अर्थ

तहज्जुद का हिंदी अर्थ रात की प्रार्थना होती है। यह प्रार्थना इस्लाम धर्म को मानने वाले अनुयायियों के द्वारा अपनी इच्छा से की जाती है अर्थात यह रात की नमाज होती है।


Tahajjud Ki Namaz kya hai ?

यह नमाज सुन्नत है। इस नमाज के लिए कहा जाता है कि यह बाकी सभी नफली नमाजो पर भारी होती है। ऐसा कहते हैं कि जो लोग तहज्जूद की नमाज को पढ़ते हैं वह खुशनसीब होते हैं, क्योंकि बहुत सारे लोग तो फर्ज की नमाज तक भी अदा नहीं कर पाते.

अर्थात हर किसी बंदे को तहज्जूद की नमाज़ पढ़ने का अवसर नहीं मिलता। यह नमाज सभी परेशानियों को दूर करने वाली नमाज माना जाता है और इस नमाज के जरिए मांगी गई दुआ जल्दी कबूल होती है।


तहज्जुद् की नमाज कब पढ़े ?

हर नमाज को पढ़ने का अपना अपना समय तय होता है जिसके अंदर ही नमाज को पढ़कर मुकम्मल करना होता है। रात के आखिरी हिस्से को नमाज ए तहज्जुद् का सही वक्त माना जाता है। इसमें कम से कम 2 रकात और अधिक से अधिक 12 रकात अदा की जाती है।


तहज्जुद् की नमाज क्यों पढ़े ?

ऐसा माना जाता है कि अल्लाह रात के आखिरी पहर में दुनिया में अर्थात आसमान मे आते हैं और फरमाते हैं कि

  • है कोई दुआ मांगने वाला जिसकी दुआ को मैं कबूल करूं।
  • है कोई जो अपने गुनाहों के लिए माफी मांगे।
  • कोई ऐसा बंदा है जो मुझसे सवाल करें और मैं उसे अता करूं।

हदीस में भी फरमाया गया है की रात की नमाज पढ़ा करो, क्योंकि तुमसे पहले भी जो नेक लोग हुए हैं, वह भी तहज्जूद पढ़ते थे। यह नमाज गुनाहों का कफ्फरा करती है और गुनाहों को रोकती है और तुम्हें अल्लाह से करीब लाती है।


तहज्जुद की नमाज पढ़ने का तरीका

तहज्जूद की नमाज़ में 2 रकात, 4 रकात 6 रकात या 12 रकात तक पढ़ सकते हैं। यह रकाते दो दो करके ही पढ़ी जाती हैं अर्थात हर दौ रकात के बाद सलाम फेरना होता है। आईए तहज्जूद की नमाज़ को पढ़ने के तरीके के बारे में जान लेते हैं:-

  • इस नमाज को रात के आखिरी पहर में पढ़ना होता है।
  • इसके लिए सबसे पहले वजू करें।
  • जिस तरह से अन्य सभी नमाज के लिए नियत का किया जाता है उसी तरह से इस नमाज के लिए भी नियत करें। जो निम्न प्रकार से है:- नियत में करता हूं 2 रकात नमाज नफल तहज्जुद की वास्ते अल्लाहआला के रुख मेरा काबा शरीफ की तरफ” अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लें।
  • फिर अन्य सभी नमाजो की तरह ही तहज्जूद की नमाज़ भी पढ़े।
  • इस नमाज की रकात में लंबी लंबी सुरह को पढ़ें।
  • इस समाज के हर रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद तीन बार सूरह इखलास भी पढ़ सकते हैं। ऐसा करने से कुरान को पूरा पढ़ने जितना ही सवाब मिलेगा।

तहज्जूद पढ़ने के फायदे

वैसे तो तहज्जुद की नमाज पढ़ने की बहुत सारी फल सिलते हैं परंतु उनमें से कुछ फाजिलते निम्न प्रकार से है:-

  • ऐसा माना जाता है कि इस नमाज को पढ़ने से कब्र की वहशत से बचा जा सकता है।
  • यह नमाज जहन्नुम की आग से बचाती है।
  • इस नमाज के द्वारा अल्लाह की इबादत करने से लोग जन्नत में दाखिल होंगे।
  • इस नमाज को पढ़ने से अल्लाह के करीब होते हैं।
  • तहज्जूद की नमाज़ पढ़ने से बीमारियां भी दूर होती है।
  • ऐसा माना जाता है कि यदि कोई भी इंसान आधी रात को अपने नींद से उठकर तहज्जूद की नमाज पढ़ता है तो अल्लाह पाक उस इंसान की दुआ को जरूर कबूल करते हैं।
  • कहते हैं, कि इस समय अल्लाह स्वयं आसमान दुनिया में मौजूद होते हैं।

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निष्कर्ष :

दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हमने आपको Tahajjud Ki Namaz से संबंधित जानकारी विस्तृत रूप से देने की कोशिश की है। हमें उम्मीद है कि तहज्जूद की नमाज़ से होने वाले फायदे का लाभ आप जरूर उठाएंगे।

आशा करते हैं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न आपके मन में है तो हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताएं।


FAQ’s :

1. तहज्जूद की नमाज़ का टाइम कब तक होता है ?

Ans. तहज्जूद की नमाज़ पढ़ने का वक्त आधी रात से लेकर सुबह फजर की अज़ान तक का होता है

2. तहज्जुद की नमाज में कितनी रकात होती है ?

Ans. 12

3. तहज्जूद का क्या मतलब होता है ?

Ans. रात की प्रार्थना

4. तहज्जूद नमाज की कोई एक फजीलत बताएं ?

Ans. नबी फरमाते हैं, कि फर्ज नमाज के बाद तहज्जूद की नमाज़ ही एक ऐसी नमाज़ है, 
जिसमें मांगी गई दुआ अन्य सभी दुआओं मैं से सबसे ज्यादा जल्दी कबूल होती है ।

5. तहज्जुद की किसी एक हदीस के बारे में बताएं ?

Ans. क्या कोई बंदा है जो मुझ से दुआ मांगे और मैं कबूल करूं, क्या कोई बंदा है,
जो मुझ से माफी मांगे और मैं माफ करूँ।

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